
*बचपन,स्कूल कॉलेज के दिन याद कर भावुक हुए हरसूद वासी*
*बड़ी संख्या में पुराने हरसूद पहुंचे विस्थापित*
खण्डवा/*30 जून 2004 हरसूद इंदिरा सागर बांध परियोजना में जल मग्न हो गया था।हरसूद डुबकी 21वीं बरसी पर भारी संख्या में विस्थापित लोग पुराने हरसूद पहुंचे। यहां पर एकमात्र शेष रहे हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की तथा खंडहर हो चुके घरौंदो पर भूली बिसरी यादें ताजा की**विस्थापित संघ के चंद्र कुमार सांड ने बताया कि सोमवार 30 जून को हरसूद की 21वीं बरसी पर पुराने हरसूद में नया हरसूद, खिरकिया ,खंडवा हरदा, इंदौर और आसपास के शहरों के लगभग 450 से 500 विस्थापित पुराने हरसूद पहुंचे । विस्थापित लोगों का पुराने हरसूद पहुंचने का सिलसिला लगभग दो दशक से जारी है ।यहां पुरुष ,महिला, एवं बच्चों ने पुराने हरसूद पहुंचकर पूरे दिन खंडहर हो चुके घर,दुकान ,स्कूल ,कॉलेज पर बैठ कर भावुक हुए और भूली बिसरी यादें ताजा की। पुराने मित्र बरसो बाद मिले । बचपन, स्कूल कॉलेज के दिनों को याद कर भावुक हुए।खंडहर हो चुकी स्कूल पर बैठकर हरसूद के युवा कवि अनुराग बंसल ने अपने मित्रों के बीच हरसूद की बरसीं पर लिखी अपनी कविता सुनाई*
“चलो मनाएं बरसी 30 जून हम भी हरसूद आपातकाल की” छुटती सांसे डूबते सपने चीख सन्नाटा भविष्य अधर में टूटते घरोंदो के विकराल की चलो मनाएं बरसी 30 जून हम भी हरसूद आपातकाल की”जिसे सुन सभी भावुक हुए।*किसी ने गांधी चौक बताया तो किसी ने मंडी किसी ने बाजार ,हर तरफ वीरानी और सन्नाटा देख आंसू नहीं रोक पाए विस्थापित।*
*30 जून सोमवार सुबह से ही विस्थापित लोगों का पुराने हरसूद पहुंचने का सिलसिला जारी रहा जो देर शाम तक चला ।सबसे पहले यहां एकमात्र शेष रहे खेड़ापति हनुमान मंदिर में पहुंचकर सारे विस्थापितों ने भगवान हनुमान जी को चोला चढ़ाकर श्रंगार किया फिर पूजा अर्चना की । उपस्थित सभी विस्थापितों द्वारा 11 बार संगीतमय हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।उसके बाद प्रसादी का वितरण हुआ और सभी विस्थापितों ने नए हरसूद की तरक्की और खुशहाली की कामना की। इस दौरान अनुराग बंसल चंद्र कुमार सांड,राजेंद्र अग्रवाल पूनम शर्मा ,विवेक सांड ,सुरेंद्र खंडेलवाल ,सुजान सिंह राठौड़ ,डॉक्टर डी एल बकोरिया ,प्रेम खंडेलवाल ,अनिल महेश्वरी ,राजेंद्र दीवान ,ऋषि राज शुक्ला ,अनिल पाठक, हरि जिनोदिया, पंडित मनु शर्मा,राघव महेश्वरी ,अनिल त्रिवेदी आदि उपस्थित रहे।*